*मुक्त-मुक्तक : 382 - हल्का कहता है वो......................
हल्का कहता है वो होता
है
बोझ ढो –ढो कर ॥
बोझ ढो –ढो कर ॥
ख़्वाब देखे है जागते
हुए
न सो –सो कर ॥
न सो –सो कर ॥
लोग देखे तमाम ग़म में
हमने हँसते हुए ,
हमने हँसते हुए ,
अजीब है वो मनाता है
खुशियाँ रो –रो कर ॥
खुशियाँ रो –रो कर ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति
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