स्वयं को सिंह उनको मृगछौना
बनाने के लिए ॥
ख़ुद को बोतल उनको अधपौना
बनाने के लिए ॥
उनको गड्ढे में गिराने
का न कर कुत्सित जतन ,
आस्माँ बन जा उन्हें बौना
बनाने के लिए ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति
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