*मुक्त-मुक्तक : 38 - जब सच्चाई कहने..................
जब सच्चाई कहने हम
मजबूर हुए थे ॥
सच बदनामी की हद तक
मशहूर हुए थे ॥
मशहूर हुए थे ॥
कहने को ही सही मगर थे
जितने शहर के ,
जितने शहर के ,
मेरे सारे दोस्त
करीबी दूर हुए थे ॥
करीबी दूर हुए थे ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति
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