पेटू को तीखी चटनी
औ’
अचार का चस्का ॥
अचार का चस्का ॥
अक्सर ही डॉक्टर को
हो
बीमार का चस्का ॥
बीमार का चस्का ॥
जैसे कि जुआरी को
जुआ खेलने की लत ,
जुआ खेलने की लत ,
दिन रात मुझको है तेरे
दीदार का चस्का ॥
दीदार का चस्का ॥
-डॉ. हीरालाल प्रजापति